फिस्टुला एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर के दो अंगों या संरचनाओं के बीच असामान्य रूप से कनेक्शन बन जाता है। इससे दोनों अंगों के बीच एक नाली बन जाती है जो कि विभिन्न प्रकार के तरल पदार्थों को एक अंग से दूसरे अंग में पास होने देती है। फिस्टुला की समस्या अक्सर किसी घाव, असामान्य सर्जरी या संक्रमण के कारण होती है। इससे रोगी को दर्द व तकलीफ होती है और समस्या बढ़ जाती है।
फिस्टुला कई कारणों से हो सकती है। बहुत से मामलों में, यह चोट या किसी सर्जिकल प्रक्रिया के कारण होती है। उदाहरण के लिए, जब किसी सर्जरी के दौरान कोई अंग को नुकसान पहुंचता है तो नजदीकी रक्त वाहिका या अन्य अंग के साथ एक फिस्टुला बन सकती है। इसी तरह, चोट लगने से भी फिस्टुला बन सकती है, जो त्वचा को चुभने वाली संरचनाओं को नुकसान पहुंचाती है।
फिस्टुला एक ऐसी स्थिति है जो एक अत्यधिक विकार होता है और जिसमें दो जड़ों के बीच एक नलिका बन जाता है। फिस्टुला के विभिन्न मुख्य कारण हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं:
गुर्दे से संबंधित बीमारियों जैसे कि गुर्दे की पथरी या गुर्दे का संक्रमण फिस्टुला के मुख्य कारणों में से एक हो सकते हैं।
आंत में संक्रमण एवं कुछ ऐसी बीमारियाँ जैसे कि क्रोन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस फिस्टुला के कारण हो सकती हैं।
फिस्टुला का उत्पादन शरीर में कुछ ऐसे रोगों से भी हो सकता है जैसे कि ट्यूमर या कैंसर।
खराब खानपान और अन्य दुष्प्रभाव फिस्टुला के मुख्य कारणों में से एक हो सकते हैं।
बीमारी से जुड़ी कुछ समस्याएं भी फिस्टुला के कारण बन सकती हैं, जैसे कि डायबिटीज, कुछ बैक्टीरियल संक्रमण और त्वचा के समस्याएं।
फिस्टुला के उपचार का चयन उसके कारण और स्थिति के आधार पर किया जाता है। कुछ उपचार निम्नलिखित हैं:
फिस्टुला के सामान्य कारण इंफेक्शन और संभवतः संयोजन होते हैं, जिसके लिए डॉक्टर आमतौर पर एंटीबायोटिक और एंटी-इन्फ्लामेटरी दवाएं लिखते हैं।
यदि दवाओं द्वारा उपचार संभव नहीं होता है, तो लेज़र सर्जरी एक विकल्प हो सकता है। लेज़र सर्जरी द्वारा, फिस्टुला के मुंह को बंद करने वाली तंत्रिका बनाई जाती है।
इन सभी उपचारों के अलावा, सेहती खानपान, शुद्ध जल पीना और साफ-सफाई के नियमित अनुपालन से भी फिस्टुला के लक्षणों को कम किया जा सकता है। हालांकि, दवाइयों या सर्जरी के लिए डॉक्टर से पहले परामर्श लेना सुनिश्चित करें।
लेजर सर्जरी के कुछ फायदे निम्नलिखित हैं:
फिस्टुला से बचने के लिए निम्नलिखित कुछ सुझावों का पालन करना उचित हो सकता है:
सही खानपान अपनाना फिस्टुला के जैसी समस्याओं से बचने में मदद कर सकता है। आपको तंदुरुस्त और पोषणयुक्त भोजन खाना चाहिए जो आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद कर सकता है। आपको तला हुआ, मीठा और तली हुई चीजों से दूर रहना चाहिए।
शुद्धता को बनाए रखने के लिए अपने हाथों को नियमित रूप से धोते रहें और साबुन का उपयोग करें। आपको नियमित रूप से स्नान करना चाहिए।
संतुलित जीवनशैली अपनाना फिस्टुला के जैसी समस्याओं से बचने में मदद कर सकता है। आपको नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए और समय-समय पर विश्राम करना चाहिए।
अंततः, फिस्टुला एक ऐसी बीमारी है जो अगर समय रहते ना ठीक की जाए तो यह अस्पताल भर कर रख सकती है। इसलिए, जरूरी है कि हम इस बीमारी के लक्षणों को जानें और इसके उपचार के विकल्पों पर विचार करें। यदि आपको फिस्टुला के लक्षण मिलते हैं, तो अपने चिकित्सक से संपर्क करें और उपयुक्त उपचार का प्रयास करें। एक ठीक से निष्कर्षित उपचार आपको जल्द से जल्द स्वस्थ बनाने में मदद करेगा।
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